Keratitis: आंखों की गंभीर समस्या है केराटाइटिस…हमेशा के लिए अंधेरी हो सकती है आपकी दुनिया! -आंख हमारे शरीर का बहुत ही अहम हिस्सा है. इसकी मदद से हम दुनिया देखते हैं. आंख सही है तो हमारे जिंदगी में रोशनी है. हालांकि इन दिनों आंखों से जुड़ी समस्या बढ़ती ही जा रही है. इन्हीं समस्याओं में से एक बहुत ही गंभीर समस्या है केराटाइटिस. अगर वक्त पर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो आंखों की रोशनी तक जा सकती है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से.
क्या है केराटाइटिस?
केराटाइटिस एक तरह का संक्रमण है जो आंखों में होने से कॉर्निया में सूजन पैदा करता है. इसे कॉर्नियल अल्सर भी कहा जाता है. ये समस्या आंखों में चोट लगने के कारण भी हो सकती है. आंखों की गंभीर समस्या है केराटाइटिस…हमेशा के लिए अंधेरी हो सकती है आपकी दुनिया! आपको बता दें कि कॉर्निया बहुत ही नाजुक ऊतकों से मिलकर बना होता है. जब इसे में किसी तरह का संक्रमण या नुकसान हो जाता है तो इसमें सूजन और लालिमा की समस्या होने लगती है. कई बार कॉर्निया में स्थाई रूप से इस स्कार सकते हैं. यह स्थिति को दुनिया भर में अंधेपन के सबसे प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है. आंखों की गंभीर समस्या है केराटाइटिस…हमेशा के लिए अंधेरी हो सकती है आपकी दुनिया! जो लोग कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं उन लोगों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है. केराटाइटिस की समस्या संक्रामक बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी के संपर्क में आने की वजह से भी हो सकती है. अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो आंखों की रोशनी चले जाती है.नजर कमजोर होने लगती है.
केराटाइटिस आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं
संक्रामक केराटाइटि
- बैक्टीरियल
- वायरल
- पैरासाइटिक
- फंग
गैर संक्रामक केराटाइटस
- आंख में चोट लगना
- पलकों में सूजन आना
- आंखों में सूजन होना
- फोटोकेराटाइटिस
जान लीजिए केराटाइटिस लक्षण
- आंखों में दर्द रहना
- आंखों में सूजन आना
- आंखों से अधिक आंसू आना
- आंखों से कीचड़ आना
- आंखें लाल रहना
- पलकों को खोलने में दर्द और जलन होना
- दृष्टि प्रभावित होना
- धुंधला दिखना
- ऐसा महसूस होना जैसे आंखों में कुछ चला गया है
- रोशनी सहन ना कर पाना
इलाज
अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या लग रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए. डॉक्टर सबसे पहले लक्षण दिखने पर मरीज की आंखों की जांच करते हैं.केराटाइिस का निदान करने के लिए फ्लूरेसिन डाई का इस्तेमाल किया जा सकता है.ये कॉर्निया के प्रभावित हिस्से अवशोषित कर लेते और हरे रंगा का दिखने लगता हैजिसके अनुसार मरीज को आई ड्रॉप से लेकर कई तरह की दवाई देते हैं. कुछ गंभीर समस्या में सर्जरी की भी जरूरत होती है.
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